मेरे प्यारे दोस्तों,
आज की रत आखों मैं नींद नहीं आ रही .एक दुश्चिंता के एहसास मात्र से सिहर सा उठता हूँ .न जाने कल क्या होगा? सब के अपने अपने कयास हैं,पर प्रयास नहीं, केवल इसे सरकारी जिम्मेदारी मानकर धर्मं के ठेकेदार और अगुआ मौन साध बैठे हैं.ठीक ही है सब की अपनी अपनी दुकानदारी है, बंकि देश और समाज, सबसे बढकर इंसानियत के लिए भी इन्हें अपना लबादा उतारना नहीं आता | काश | की देश की अवाम जागरूक होकर धर्मं के इन ठेकेदारों को अपने सयम और भाईचारे से माकूल जबाब देकर,अपनी इंसानियत और संस्कृति का सही मायनो मैं उदाहरण पेश करे.
INDIA IS A COUNTRY OF CULTURE AND SANSKARS. UNFORTUNATELY WE ARE FORGETTING OUR ENCESTORS & THE NEW GENERATION IS ON THE PATH OF MONEY,MATERIAL & MISCONCEPTION. THIS ABHIYAN IS JUST AN EFFORT TO ENRICH CHILDREN ONCE AGAIN BY RECALLING THE SANSKARS OF RESPECT & RELIGION. THE GOOD FOUNDATION CAN ONLY EXPECT A STRONG HOUSE,SAMEWAY A CHILDREN WITH STRONG WILL & SANSKARS WILL MAKE GOOD SOCIETY WITH GREAT CHARACTER.LET US JOIN & BE A PART OF IT.
cngrts. Hindi likh di apne.
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