शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

LIVE & LET LIVE

दीपावली आ रही है ,सभी लोग पटाखों को लेकर उत्साहित होंगे /परन्तु आप यह जानकर शायद आश्चर्य चकित होंगे कि  हमारे द्वारा पटाखे फोड़ने से करोड़ों सूक्ष्म जीवों की अनायास ही तड़प तड़प कर मौत हो जाती है क्योंकि वो पटाखों की आग से झुलस कर दम तोड़ देते हैं /जीव आत्मा सबका समान है बस रूप (शरीर) सबके अलग हैं /अतः मैं आप सबसे मानवीय आधार पर दीपावली पर,पटाखे और फुलझड़ियों  की जगह गरीबों को एक वक्त के भोजन कराने तथा अपने अपने वृद्ध परिजनों को ख़ुशी देने हेतु  अनुरोध करता हूँ / शुभ रात्रि /

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